Featured post

Recent write-ups by Shikhar Pathak

Forever When I'll be in a state of zero Youth also may have changed its colour Only the last stop will remain yet to cover I w...

Saturday 19 March 2022

Newcomer (न्यूकमर)

 याद है क्लास का वो लड़का, जो क्लास टाइम, स्पेशल असेंबली के वक्त, एक्जामटाइम और कल्चरल एक्टिविटीज के वक्त तो हमेशा भीड़ से घिरा, पर लंच करते, PT पीरियड में, फ्री पीरियड में, टीमवर्क में हमेशा अकेला रहा। जब साथ में सब खाते खेलते थे तब वो साइड बेंच पर बैठकर खिड़की देखते हुए, हाथ में जूनियर स्कूल में जेमिनी, हाईस्कूल में titan और प्लस 2 में राडो की अपनी घड़ी देखता रहता था, घड़ी इसलिए क्योंकि वक्त बहुत जरूरी है, पर जब दोस्त नहीं रुकते ,तो एक घड़ी कितने दिन रुकेगी। खाना खाने के बाद वो एक एसे लड़के से जो लंच टाइम में बिलकुल उसके जैसा रहता था उससे सैनिटाइजर मांग कर हाथ धुल लेता था। वाशरूम में पता नही कोन उसका चस्मा छीन ले या फिर सबके सामने किसी की गर्लफ्रेंड से बात करने की वजह से उसे गंदे तरीके से तंग करने लगे, इसीलिए सैनिटाइजर। सोचो कैसा लगता होगा हमउम्र बच्चों से भरी जगह में एसे रहना, फिर भी उसकी अटेंडेंस 95 पर्सेंट से ऊपर रहती थी, उसे पसंद जो थीं क्लास की खिड़कियां जिन्हे वो देखता था और assemblies जब सब उसे देखते थे। दर्जन भर स्कूल कॉलेज बदलेगा तो टीचर्स के लिए भले बाकी बच्चों की ही तरह या उनसे बेहतर रहे, पर क्लासमेट्स के लिए तो न्यूकमर ही रहेगा।


तुम्हे तो बस याद ही होगा वो लड़का। मुझसे तो दिन रात, सोते जागते , पढ़ते खेलते वो बातें करता है। मेरे लेख वही लिखता है। और एक लड़की है, जिससे वो बातें करता है।