धूम्रपान का अंजाम
आओ बच्चों तुम्हे सुनाए अच्छी एक कहानी ,
करके बुरी नक़ल एक बालक ने की थी नादानी।
उसका बाप वकील एक था सिगरेट का था आदि ,
काली बड़ी-बड़ी मुछे थी वस्त्र पहनता था खादी।।
लड़के ने बस स्वांग बनाया नकली मूंछ लगायी,
कोट-पैंट खादी के पहने झट सिगरेट जलाई।
उसी ढंग से नक़ल किया और कश -कश धुंआ उड़ाया ,
सिगरेट जली फक से चारो ओर उजाला छाया।।
लड़के को अभिमान हुआ यूँ सिगरेट जल जाने में ,
जली पैंट जल उठा कोट असमर्थ मुक्ति पाने में।
कम्बल में लपेट के उसको एक व्यक्ति ने पटका ,
कुछ झुलसा कुछ जला लग गया मर जाने का खटका।।
बुरी नक़ल से सदा बचो यह हरदम ही दुखदाई हे ,
नक़ल करो अच्छे की वह तो हरदम ही सुखदाई हे।
शिखर पाठक।
नयी पोस्ट के लिए बने रहिये
धन्यवाद।
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